क्या अदालत कह सकती हैं!...
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि क्या साविधानिक
अदालतो को सेना की आवश्यकता के अनुसार रणनीतिक बुनियादी ढाँचे के विकास के रास्ते में आना चाहिए?
शीर्ष कोर्ट ने चारधाम सड़क परियोंजना के तहत
भारत- चीन सीमा के पास सड़को के चौड़ीकरण से जुड़े मामलो की सुनवाई के दोरान यह बात कही।
कोर्ट ने भारत व चीन के बीच हालिया सीमा झड़पो की
और भी इशारा किया। जस्टिम् डीवाई चद्चूड़ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्ये पीठ ने विचार किया साविधानिक से किया जाएगा ।
कोर्ट: अगर केंद्र सरकार कहे कि वह पर्यटन के लिए कर
रही हैं। तो हम कठोर शर्ते लगा सकते है। लेकिन बात जब सीमाओ की आये रक्षा करने के लिए गंभीर स्थिती
हो जाती हैं।
हम नही चाहते की सेना 1962 ke स्थिती मे फस जाये
गोजाविस 116 बड़े भूसखलन हुए हैं।
की वह रक्षा ज़रूरतो को खत्म कर देगी, खासकर हालिया घटनाओ ( चीन से संघर्ष ) को देखते हुए?
उन्होंने कहा अदालत पसोपेश में है क्युकी केंद्र ने सड़क
चूड़ीकारण का कारण राष्ट्री सुरक्षा बताया है। ग्लेशियरका पिघलना न सिर्फ सड़को के निर्माण या चौड़ीकरण से होता है।
किया आपको सीमा के दूसरी तरफ निर्माण की कोई जानकारी है।कि हिमलय सड़क निर्माण झेलने में समाक्ष नहीं होगा। जल विदुत् सयंत्रो से नुक्सान का संज्ञान लेने के बाद शीर्ष कोर्ट ने ही 24 परियोजनाओ पर रोक लगाई थी।
कोर्ट: गीलेशियर का पिघलना न सिर्फ सड़को के निर्माण या चौड़ीकरण से होता है, बल्कि बड़ते कार्बन फुट प्रिंटसे भी होता है।
किया आपको सीमा के दूसरी तरफ निर्माण की कोई जानकरी है।।।।।
0 Comments