अमेरिका की जानी मानी पत्रिका टाइम ने, दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की लिस्ट जारी की है। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कुछ और भारतीय नाम भी शामिल है। इस लिस्ट में अभिनेता आयुष्मान खुराना और शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन का चेहरा रही बिलकिस बानो के नाम भी शामिल है।
हालांकि टाइम्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिस्ट में शामिल करते हुए उनके बारे में जो संक्षिप्त लेख लिखा है, उसमें उनके बारे में तल्ख़ टिप्पणी की गई है।
पत्रिका के संपादक का कार्ल विक ने नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है, "भारत में अभी तक के लगभग सारे प्रधानमंत्री 80% हिंदू आबादी से आए हैं लेकिन मोदी अकेले हैं जिन्होंने ऐसे सरकार चलायी जैसे उन्हें किसी और की परवाह नहीं है। उनकी हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी ने न केवल कुलीनता को खारिज किया बल्कि बहुलवाद को भी नकारा।"
खास तौर पर मुसलमानों को निशाना बनाकर महामारी उनके लिए असंतोष को दबाने का एक साधन बन गया, और दुनिया का सबसे जीवंत लोकतंत्र और गहरे अंधेरे में चला गया।
टाइम मैगजीन इससे पहले नरेंद्र मोदी को अपने कवर पेज पर भी चुकी है। पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले इस मैगजीन ने मोदी की तस्वीर प्रकाशित की थी। जिसका शीर्षक था इंडिया divider chief. 2015 में भी टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री मोदी पर कवर स्टोरी की थी। और उसका शीर्षक था Why Modi Matters ?
बात करें इस मैगज़ीन में शामिल दूसरे शख्सियत कि वह है बॉलीवुड अभिनेता आयुष्मान खुराना। इस लिस्ट में शामिल वो अकेले भारतीय अभिनेता हैं। टाइम्स मैगज़ीन ने उनके बारे में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने लिखा है।
जिसमें वह बताती हैं " में आयुष्मान खुराना को उनकी पेही फिल्म विक्की डोनर से जानती हु। बेशक इससे पहले भी वो अलग-अलग तरह से बॉलीवुड का हिस्सा रहे थे। लेकिन आज हम और आप उनके बारे में बात कर रहे हैं तो इसकी वजह है वह यादगार फिल्में और उनके दमदार किरदार।
जहाँ अधिकतर पुरुष अभिनेता ताकत और मर्दानगी की घिसी पीती भूमिकाओं में फंसे रहे वहीं आयुष्मान ने इस धारणा को तोड़ते हुए कई चुनौतीपूर्ण किरदार निभाए। वोह भी कामयाबी के साथ।
टाइम मैगजीन में शामिल सबसे हैरान करने वाला नाम है बिल्क़ीस बानो का। बिल्क़ीस बनो भारत में नागरिकता कानून के विरोध में हुए शाहीन बाघ विरोध प्रदर्शन की प्रमुख चेहरा बन गई थी। उन्हें शाहीन बाघ की दादी के तौर पर लोग याद करते हैं।
टाइम मैगज़ीन में बीकेएस बनो के बारे में पत्रकार राणा अय्यूब लेख लिखा है। जिसमे वोह लिखती हैं की Jab में उनसे पहली baar mili थी तो वोह जवान औरतों के बिच बैठी थीं।
उनके एक हाथ में पूजा की थाली थी और दूसते हाथ में तिरंगा। 82 साल की बुजुर्ग महिला भारत में दबे कुचले समाज की आवाज़ न=बन कर उभरी। जो सुबह 8:00 से लेकर 24:00 तक प्रदर्शन स्थल पर मौजूद रहती। बिल्क़ीस ने कई महिलाओं छात्रों और कार्यकर्ताओं को नई ताकत और उम्मीद थी।
उन्होंने कहा कि वह तब तक शाहीन बाग में मौजूद रहेंगी जब तक उनकी नसों में खून बहेगा। ताकि आने वाली नस्लें न्याय और बराबरी की दुनिया में सांस ले सकें। टाइम मैगजीन की इस लिस्ट में दो भारतीय मूल के लोगों का नाम भी शामिल है। इनमें से एक है गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और एचआईवी पर शोध करने वाले प्रोफेसर रविंद्र गुप्ता।
इसके अलावा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिदान, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायल बोरसनारो, और अमरीका में उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार कमला हेर्रिस के नाम भी शामिल है।
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